नेताजी के प्रेरणादायक जीवन
प्रसंग
नेताजी की शिक्षा भारतीय और पश्चिमी संस्कृति का
अनोखा संगम थी। कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद, उन्होंने
प्रतिष्ठित भारतीय सिविल सेवा (ICS) परीक्षा पास की। लेकिन उनका स्वाभिमान और
देशप्रेम उन्हें अंग्रेज़ों की गुलामी स्वीकार करने से रोकता था। उन्होंने इस
सम्मानजनक नौकरी को त्याग दिया और मातृभूमि की सेवा का प्रण लिया।
‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें
आज़ादी दूंगा’
नेताजी का यह प्रसिद्ध नारा स्वतंत्रता संग्राम
का आह्वान बन गया। 1943 में उन्होंने आजाद हिंद फौज (Indian National Army) की स्थापना की
और ब्रिटिश शासन को चुनौती दी। "दिल्ली चलो" अभियान के माध्यम से
उन्होंने अपने सैनिकों में अटूट आत्मविश्वास और जोश भरा। नेताजी की नेतृत्व क्षमता
ने यह साबित कर दिया कि संगठन और समर्पण से किसी भी बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा
सकता है।
नेताजी के प्रेरणादायक
किस्से
- ब्रिटिश जेल से पलायन: नेताजी को
अंग्रेज़ों ने 1941 में जेल में बंद कर दिया। लेकिन उनका जज्बा इतना मजबूत
था कि उन्होंने अद्वितीय योजना बनाकर जेल से पलायन किया और जर्मनी होते हुए
जापान पहुंचे। यह घटना उनकी दृढ़ता और बुद्धिमत्ता का प्रमाण है।
- आजाद हिंद फौज का निर्माण: जापान के
सहयोग से नेताजी ने आजाद हिंद फौज बनाई और इसे युद्ध के लिए तैयार किया। उनका
विश्वास था कि स्वतंत्रता केवल संघर्ष और बलिदान से मिल सकती है।
- विविध भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान: नेताजी ने हमेशा भारत की विविधता को महत्व दिया। उनकी
सेना में हर धर्म, जाति और क्षेत्र के लोग थे। यह उनकी अद्वितीय नेतृत्व
शैली का प्रतीक था।
नेताजी की प्रेरणा आज भी
प्रासंगिक
नेताजी का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत
है। उनका मानना था कि कठिन परिश्रम, स्वाभिमान, और अनुशासन से जीवन में कोई
भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी दूरदृष्टि और साहस आज भी हमें सिखाते हैं
कि राष्ट्र की सेवा और सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और उनकी
उपलब्धियों से हमें यह शिक्षा मिलती है कि असंभव कुछ भी नहीं है, बस हिम्मत और
सही दिशा में प्रयास करने की जरूरत है। उनका जीवन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का
स्वर्णिम अध्याय है और उनके प्रेरणादायक किस्से हमेशा हमारे दिलों में अमर रहेंगे।
जय हिंद!
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