"रोटी के साथ लिपटा माँ का प्यार या चेतावनी?"
जब किसी मां की ममता और अनुशासन एक साथ उभर कर
सामने आते हैं, तो वह दृश्य कभी-कभी भावनाओं और मुस्कान का ऐसा संगम बन
जाता है जिसे शब्दों में पिरोना मुश्किल होता है। ऐसी ही एक दिल छू लेने वाली
तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें एक टिफिन के अंदर एक साधारण सी रोटी के साथ एक नोट
रखा है —
"रोटी वापस नहीं आनी चाहिए
तेरी।"
इस कैप्शन में सवाल पूछा गया है —
"माँ का प्यार या धमकी, क्या कहेंगे इसे आप लोग!"
यह प्रश्न सीधा दिल को छूता है, और शायद हर
भारतीय घर का बच्चा इस अनुभव को महसूस कर सकता है।
माँ की ममता: डांट में भी
दुआ छिपी होती है
यह पंक्ति सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि उस माँ
की भावना है जो अपने बच्चे को पेट भरकर खाना खिलाना चाहती है। उसे चिंता है कि
कहीं बच्चा भूखा न रहे, खाना बर्बाद न करे। यह वाक्य जितना सख्त दिखता है, उतना ही भावुक और आत्मीय भी है।
हर माँ चाहती है कि उसका बच्चा स्वस्थ रहे,
अच्छे से खाए
और जो मेहनत से बनाया गया है, उसका आदर करे। वो यह नहीं चाहती कि रोटी यूँ ही वापस आ जाए
— क्योंकि वो रोटी सिर्फ आटा और पानी नहीं, माँ के प्यार, मेहनत और
समर्पण से बनी होती है।
धमकी नहीं, अनुशासन है ये
आज के समय में जब बच्चे जंक फूड, बाहर के खाने
और अनियमित आदतों के कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो एक माँ का
यह "प्यारा सा डर" एक प्रकार का अनुशासन भी है।
यह संदेश यह भी सिखाता है कि भोजन का आदर करना चाहिए। ये सिर्फ खाने की बात नहीं,
बल्कि
संस्कारों की भी बात है। यही छोटी-छोटी बातें बच्चों को जिम्मेदार बनाती हैं।
माँ का प्यार: अलग अंदाज
में
माँ का प्यार कई रूपों में दिखता है — कभी
चुपचाप प्लेट में एक्स्ट्रा पराठा रख देना, तो कभी दाल में घी डालकर
बिना बताए टिफिन में भर देना, और कभी-कभी एक सख्त लहजे में यह लिखना कि "रोटी वापस
नहीं आनी चाहिए।"
यह सख्ती नहीं, एक भावना है जो शब्दों में बंधकर आ गई है। यह उस पीढ़ी की शैली है जो ज्यादा बोलती नहीं,
लेकिन हर काम
में प्रेम उड़ेल देती है।
निष्कर्ष: प्यार, अनुशासन और
संस्कृति का संगम
इस छोटे से नोट में छिपा संदेश हमारे समाज की संवेदनशीलता, मातृत्व और जीवन मूल्यों को दर्शाता है।
यह एक सिखावन है — कि माँ का हर शब्द, हर भाव, हर रोटी सिर्फ खाना नहीं, एक शिक्षा है।
तो अगली बार जब कोई रोटी के साथ ऐसा प्यारा नोट
देखे, तो मुस्कुराकर कहिए —
"यह सिर्फ धमकी नहीं, माँ की दिल से निकली हुई दुआ है।"
11 comments:
कहा जाता है कि ईश्वर सभी को बिना किसी शर्त के मोहब्बत करते हैं। मगर ईश्वर के सम्मुख एक समस्या आई, वे हर जगह और हर जीव के साथ नहीं हो सकते थे. इसलिए उन्होंने स्त्री की रचना की जिससे वह उनकी प्रतिनिधि बन कर कुछ जीवों की देख भाल कर सके. वही स्त्री माँ बनी. माँ का प्रेम ईश्वर के प्रेम की तरह बेशर्त होता है.
अच्छा और प्रेरक लेख. राम राम
ईश्वर सभी को बिना शर्त मोहब्बत करते हैं। मगर उनके सम्मुख एक समस्या थी कि वे हर किसी के साथ हर जगह नहीं हो सकते थे।
इसीलिए उन्होंने अपनी सहायता हेतु स्त्री की रचना की जिससे हर जीव की देख भाल हो सके। वही स्त्री माँ बनी जो ईश्वर की तरह ही बिना शर्त मोहब्बत करती है।
ऐसा ही स्नेह बना रहे।
यह माँ की भावनाओं को व्यक्त करने का एक शानदार तरीका है
मां तुम्हें व तुम्हारी ममता को सलाम💐🙏
Nice read..
"मां हुँदी है मां ओ दुनियां वालेओ" ये पंजाबी गीत की पंक्तियां मां के प्रति बहुत स्टीक लिखी गई हैं। मां की डॉन्ट फटकार में भी मां का प्यार छुपा होता है और इस पर्ची में भी मां की डॉन्ट, अनुशासन की सीख और प्यार ही है।
Very beautifully described 😊
Nice
Maa ke sman dusra sansar me koi nhi
This is definitely pyaar bhara dhamki. Great read.
Very true Love story
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