Thursday, March 13, 2025

रंगों में सावधानी – बच्चों के लिए सुरक्षित होली का संदेश : आचार्य रमेश सचदेवा


 रंगों में सावधानी – बच्चों के लिए सुरक्षित होली का संदेश :  आचार्य रमेश सचदेवा

"होली" न केवल रंगों का त्योहार है, बल्कि यह उमंग, उल्लास, सामाजिक समरसता और आत्मीयता का भी प्रतीक है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव है, जो हमें प्रेम, क्षमा और एकता का संदेश देता है। विशेष रूप से बच्चों के लिए होली उत्साह और ऊर्जा से भरपूर एक अविस्मरणीय अनुभव होता है। लेकिन इस उल्लास के बीच यदि थोड़ी सी असावधानी हो जाए, तो यह खुशियाँ संकट में बदल सकती हैं

बच्चों की कोमल त्वचा, नाजुक आँखें और उत्साही स्वभाव उन्हें होली के दौरान तेज़ रंगों, असुरक्षित तरीकों या लापरवाही से नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि माता-पिता और शिक्षक बच्चों को होली मनाने के सही और सुरक्षित तरीके सिखाएं।

 होली का सांस्कृतिक महत्व

  • यह फाल्गुन पूर्णिमा को मनाया जाता है और मुख्य रूप से प्रहलाद और होलिका की पौराणिक कथा से जुड़ा है।
  • यह अहंकार के नाश और भक्ति की विजय का प्रतीक है।
  • समाज में मेल-जोल, क्षमा, भाईचारे और आत्मीयता को बढ़ावा देता है।
  • पारंपरिक होली में प्राकृतिक रंग, लोकगीत, पकवान और आत्मीय मिलन का विशेष स्थान होता था।

बच्चों के लिए सुरक्षित होली – ज़रूरी सुझाव

त्वचा और बालों की सुरक्षा

  • होली से पहले बच्चों के बालों और शरीर पर नारियल या सरसों का तेल लगाएं, जिससे रंगों का असर कम हो।
  • उन्हें फुल-स्लीव कपड़े और टोपी पहनाएं ताकि अधिक त्वचा ढकी रहे।
  • आँखों में रंग जाने से बचाने के लिए सनग्लासेस या चश्मा पहनाना उपयोगी होगा।

रंगों का चयन सोच-समझकर करें

  • बच्चों को केवल प्राकृतिक और हर्बल रंगों से ही खेलने दें।
  • बाजार के सस्ते रंगों में केमिकल्स, कांच या भारी धातु हो सकते हैं जो त्वचा और आँखों को हानि पहुँचा सकते हैं।
  • रंग खेलने से पहले पैच टेस्ट करना अच्छा उपाय है।

खान-पान पर ध्यान

  • बाहर का तला-भुना खाना बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
  • उन्हें घर में बने स्वस्थ पकवान जैसे गुजिया, दही भल्ले और ठंडाई दें।
  • होली के दौरान हाइड्रेशन बनाए रखेंनारियल पानी, नींबू पानी दें।

गंदे पानी और वॉटर बलून से बचाव

  • बच्चों को समझाएं कि गंदे पानी या गुब्बारों से खेलना खतरनाक हो सकता है। इससे चोट, संक्रमण या आँखों की समस्या हो सकती है।
  • जल की बर्बादी रोकने के लिए ड्राय होली या सीमित पानी वाली होली खेलने की आदत डालें।

होली के बाद साफ-सफाई

  • रंग खेलने के बाद बच्चों को गुनगुने पानी और माइल्ड साबुन से नहलाएं।
  • त्वचा को मॉइस्चराइज़ करें और यदि कोई जलन या एलर्जी दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करें।

अंतिम विचार

होली तभी सार्थक और सुंदर बनती है जब हम अपनी खुशियों में दूसरों की सुरक्षा और भावना का भी ध्यान रखें।  
बच्चों को रंगों की मस्ती के साथ-साथ संस्कार और मर्यादा का पाठ भी देना ज़रूरी है।
इस बार होली पर केवल रंग नहीं, जिम्मेदारी भी बिखेरेंताकि यह पर्व स्मृति और सिखावन दोनों में अमिट रहे।


 

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