Sunday, May 11, 2025

"तेरे बिना भी तू मेरे साथ है माँ..."

 

मेरी माता स्व. अमर देवी जी 
"तेरे बिना भी तू मेरे साथ है माँ..."

✍️ एक संतप्त पुत्र की श्रद्धांजलि
(मातृ दिवस विशेष लेख)

आज जब देश मातृ दिवस मना रहा है,
बाजारों में ग्रीटिंग कार्ड हैं, सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट हैं,
लेकिन मैं तुम्हारे लिए एक सच्चा, कच्चा और सीधा ख़त लिख रहा हूँ —
क्योंकि जो तुमने मुझे दिया, वह किसी भाषण या तस्वीर में समा ही नहीं सकता।

माँ, जब बचपन में गिरा था,
तब तुम्हारा "मैं हूँ न"
मेरे आत्मविश्वास की सबसे मजबूत लाठी बन गया।

जब मैं कभी देर रात तक पढ़ता रहा,
तुमने थकान को दरकिनार कर चुपचाप मेरे लिए गर्म दूध रखा —
बिना कहे, बिना जताए।

तुमने मुझे उड़ना सिखाया,
पर अपनी इच्छाओं को ज़मीन में रोप दिया।

तुम्हारे हाथों की रोटियाँ गोल थीं,
पर ज़िंदगी की कठिनाइयाँ कभी सीधी नहीं थीं —
फिर भी तुम मुस्कुराती रहीं।

तुमने मेरा हर आँसू अपने आँचल में छुपा लिया,
और हर छोटी ख़ुशी को अपनी जीत बना लिया।

आज जब मैं "माँ" कहता हूँ — तो उसमें केवल संबोधन नहीं,
एक पूरी सभ्यता, संस्कृति और सृष्टि का सम्मान छुपा होता है।

माँ, तुम्हारी परछाईं में खड़ा हूँतो धूप भी मुझे छू नहीं पाती।
तुम्हारा आशीर्वाद है,
तभी ये जीवन दिशा में बहता है।

अब तुम इस धरती पर नहीं हो,
लेकिन हर पल, हर निर्णय, हर उपलब्धि में मैं तुम्हें महसूस करता हूँ।

"तेरे बिना भी तू मेरे साथ है माँ..."
मेरी आत्मा में, मेरी मुस्कान में, मेरी हर साँस में।

मातृ दिवस पर सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं — ये प्रण है कि तेरे दिए संस्कारों को मैं आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाऊँगा।

 

11 comments:

Anonymous said...

माँ को नमन...

Sudesh Kumar Arya said...

शत् शत् नमन 🙏💐

Anonymous said...

दादीजी सदा याद आते रहेंगे।

Absolutely Right. But according to me motivation works only when urs environment in which u r residing is favourable said...

Happy mother's Day

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

आभार

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

आभार

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

आभार

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Thanks

Anonymous said...

Happy Mother’s Day to all the amazing mothers . Thanks for their endless ❤️ love and blessings.

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Thanks a lot Anonymous

Anonymous said...

ਮਾਂ ਵਰਗਾ ਘਣਛਾਂਵਾਂ ਬੂਟਾ, ਮੈਨੂੰ ਨਜ਼ਰ ਨਾ ਆਏ , ਲੈ ਕੇ ਜਿਸ ਤੋਂ ਛਾਂ ਉਧਾਰੀ ਰੱਬ ਨੇ ਸੁਰਗ ਬਣਾਏ💐🙏