Friday, May 16, 2025

"डटे रहो, समय चाहे जैसा भी हो, थोड़ा इंतजार करो, सही समय आने पर, कैरी भी मीठे आम में बदल जाती है।"

 


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डटे रहो, समय चाहे जैसा भी हो, थोड़ा इंतजार करो,   

सही समय आने पर, कैरी भी मीठे आम में बदल जाती है।"

वर्तमान युग तेज़ी का युग है। हम सब कुछ "अभी और तुरंत" पाने की होड़ में लगे हैं। लेकिन जीवन के कुछ सत्य ऐसे होते हैं जो समय की मांग करते हैं। इसी बात को एक सुंदर रूप में इस चित्र में कहा गया है:

"डटे रो, समय चाहे जैसा भी हो, थोड़ा इंतजार करो,    
सही समय आने पर, कैरी भी मीठे आम में बदल जाती है।"

यह पंक्तियाँ हमें सिखाती हैं कि चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, अगर हम धैर्यपूर्वक अपने लक्ष्य पर टिके रहते हैं, तो समय के साथ सब कुछ बदल सकता है। खट्टी कैरी, जो कच्चेपन का प्रतीक है, वह भी समय के साथ पककर मीठे आम का रूप ले लेती है। इसी तरह हमारे जीवन की कठिनाइयाँ और असफलताएँ भी सही समय आने पर हमारे अनुभव और उपलब्धियों में बदल जाती हैं।

अक्सर हम तुरंत परिणाम की अपेक्षा करते हैं — चाहे वह परीक्षा का हो, करियर का या किसी संबंध का। लेकिन हर बीज को वृक्ष बनने में समय लगता है, हर प्रयास को फलने-फूलने में वक्त चाहिए होता है। जीवन में धैर्य, निरंतरता और विश्वासये तीन चीजें सफलता के बीज को फल में बदलती हैं।

जो व्यक्ति संघर्षों से घबराकर बीच रास्ते से लौट जाता है, वह कभी यह नहीं जान पाता कि उसके लिए क्या सफलता प्रतीक्षा कर रही थी। वहीं, जो व्यक्ति हर परिस्थिति में डटा रहता है, उसका समय भी अवश्य आता है।

जीवन में जब भी कठिन समय आए, तो यह याद रखें —

"डटे रहो, समय चाहे जैसा भी हो, थोड़ा इंतजार करो,   
सही समय आने पर, कैरी भी मीठे आम में बदल जाती है।"

✍️ Acharya Ramesh Sachdeva      
(EDU-STEP)

 

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