(शिक्षकों के समर्पण को समर्पित एक प्रेरणादायक गीत,
"रातों को छिप-छिप कर जो रोते हैं" की तर्ज़ पर)
🎶 रातों को जाग-जाग कर जो अध्यापक पढ़ाते हैं,
✨ बच्चों के सपनों को अपना रंग चढ़ाते हैं।
📖 खुद की थकान को हौसलों से हराते हैं,
✨ ज्ञान की मशालों से तम को मिटाते हैं।
🎶 रातों को जाग-जाग कर जो अध्यापक पढ़ाते हैं,
✨ बच्चों के सपनों को अपना रंग चढ़ाते हैं।
✏️ कभी किताबों
में तो, कभी सवालों में
खोते हैं,
📝 खुद के लिए कम सोते, औरों के लिए जागते हैं।
📚 कभी परीक्षा के पन्नों में ये गुम हो जाते हैं,
🌙 खुद के सपनों से पहले अपने विद्यार्थियों को
संवारते हैं।
🎶 रातों को जाग-जाग कर जो अध्यापक पढ़ाते हैं,
✨ बच्चों के सपनों को अपना रंग चढ़ाते हैं।
🔥 कोई उत्तर बनाता है, तो कोई प्रश्नों को
गढ़ता है,
📄 हर कठिनाई को ये सरल राह में बदलता है।
🖊️ कभी स्याही से तक़दीर लिखते हैं,
✨ हर नादान को रोशनी की राह दिखाते हैं।
🎶 कुछ लोग ज़माने में ऐसे भी होते हैं,
✨ औरों के लिए जीते हैं, खुद को भी खोते
हैं।
🎶 रातों को जाग-जाग कर जो अध्यापक पढ़ाते हैं,
✨ बच्चों के सपनों को अपना रंग चढ़ाते हैं।
🥀 सम्मान नहीं मिलता, पहचान नहीं
मिलती,
💔 मेहनत की रोशनी को कोई लौ नहीं मिलती।
📜 सरहद पे ज्यों सैनिक हैं, तो शिक्षा में ये प्रहरी हैं,
🎓 बिना इन गुरुओं के हर मंज़िल अधूरी है, हर राह अधूरी है।
🎶 रातों को जाग-जाग कर जो अध्यापक पढ़ाते हैं,
✨ बच्चों के सपनों को अपना रंग चढ़ाते हैं।
🔥 देश की नींव को यही मज़बूत बनाते हैं,
💎 हर पत्थर को तराश करके कोहिनूर बनाते हैं।
✨ फिर भी न कोई इनका कोई मोल समझता है,
🎓 सच मानो, सच्चा गुरु हीरे से भी कीमती होता है।
🎶 रातों को जाग-जाग कर जो अध्यापक पढ़ाते हैं,
✨ बच्चों के सपनों को अपना रंग चढ़ाते हैं।
🙏🎶
शिक्षकों को
सादर नमन! 🎶🙏
💖✨ यह गीत उन शिक्षकों को
समर्पित है जो बिना किसी स्वार्थ के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए दिन-रात
मेहनत करते हैं। हमें चाहिए कि हम अपने शिक्षकों का सम्मान करें, उनका आदर करें
और उनके परिश्रम को पहचानें। 🎓🙏
2 comments:
Great!!
Very well said Sir
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