गहनों का वैज्ञानिक महत्व और स्वास्थ्य पर प्रभाव
गहनों को केवल सजावट का
साधन मानना एक आम धारणा है, लेकिन इनका वैज्ञानिक आधार भी होता है। विभिन्न धातुओं और
रत्नों से बने आभूषण न केवल सौंदर्य बढ़ाते हैं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य और
जीवनशैली पर भी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
गहनों का
वैज्ञानिक आधार
गहने पहनने की परंपरा
प्राचीन काल से चली आ रही है। आयुर्वेद और ज्योतिष शास्त्र में धातुओं और रत्नों
को ऊर्जा संतुलन और स्वास्थ्य सुधार से जोड़कर देखा जाता है। सोना, चांदी, तांबा जैसी
धातुएं शरीर में ऊर्जा प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। उदाहरण के लिए,
सोना गर्म
प्रकृति का होता है, जो शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, जबकि चांदी
ठंडी प्रकृति की होती है, जो मन को शांत रखती है।
स्वास्थ्य पर
गहनों का प्रभाव
- सोने के आभूषण - यह शरीर
में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
- चांदी के गहने - यह
बैक्टीरिया रोधी गुणों से भरपूर होते हैं और शरीर के तापमान को संतुलित रखते
हैं।
- तांबे के गहने - यह रक्त
संचार को सुधारने में सहायक होते हैं और गठिया जैसे रोगों में लाभदायक होते
हैं।
- रत्नों का प्रभाव - प्रत्येक
रत्न की अलग-अलग ऊर्जा होती है, जो व्यक्ति की कुंडली और स्वास्थ्य पर
प्रभाव डालती है। माणिक आत्मविश्वास बढ़ाता है, पन्ना
बुद्धि तेज करता है, नीलम शांति देता है, आदि।
गहनों का चयन
और उपयोग
गहनों का चुनाव केवल
सौंदर्य के आधार पर नहीं बल्कि व्यक्ति की आवश्यकताओं और स्वास्थ्य को ध्यान में
रखकर किया जाना चाहिए। विभिन्न कार्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए
उपयुक्त धातु और रत्न अलग-अलग हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, शिक्षकों और लेखकों के लिए
पन्ना लाभकारी माना जाता है, जबकि व्यापारियों के लिए पुखराज उत्तम होता है।
निष्कर्ष
गहने केवल आभूषण नहीं,
बल्कि हमारे
शरीर और मन को संतुलित रखने वाले महत्वपूर्ण तत्व हैं। इन्हें सही तरीके से और
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पहनने पर ये न केवल हमारी सुंदरता को बढ़ाते हैं बल्कि
स्वास्थ्य को भी सशक्त बनाते हैं। इसलिए गहनों का चयन सोच-समझकर और उनके वैज्ञानिक
प्रभाव को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।
2 comments:
Scientific Approach towards ornaments...full of information... thanks 🙏
Thanks brother
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