Saturday, August 23, 2025

मशहूर पंजाबी कॉमेडियन जसविंदर भल्ला पंजाब के हास्य का अमर स्तम्भ का निधन – उनका जाना एक अपूरणीय क्षति

 


मशहूर पंजाबी कॉमेडियन जसविंदर भल्ला पंजाब के हास्य का अमर स्तम्भ का निधन – उनका जाना एक अपूरणीय क्षति

पंजाब के मशहूर हास्य कलाकार जसविंदर भल्ला (भल्ला जी) का 22 अगस्त 2025 को निधन हो गया। उन्होंने मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में 65 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनके निधन से पंजाबी फिल्म और हास्य जगत में गहरा शोक व्याप्त है।

जसविंदर भल्ला का जन्म 4 मई 1960 को लुधियाना (पंजाब) में हुआ था। वे एक सुसंस्कृत और शिक्षा-प्रेमी परिवार से आते थे। उनकी पत्नी पर्मदीप भल्ला फाइन आर्ट्स की अध्यापिका हैं। उनके बेटे पुखराज भल्ला पंजाबी फिल्मों और वेब सीरीज़ के प्रसिद्ध अभिनेता एवं गायक हैं, जबकि उनकी बेटी अशप्रीत कौर नॉर्वे में निवासरत हैं।

भल्ला जी ने अपने करियर की शुरुआत स्टेज और थिएटर से की थी। उनकी लोकप्रियता महा-जोक्स सीरीज़ और पंजाबी फिल्मों के ज़रिये बहुत बढ़ी। उन्होंने दर्शकों को केवल हँसाया ही नहीं बल्कि समाज की सच्चाइयों को व्यंग्य और हास्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। 
उनकी कॉमिक टाइमिंग, अनूठी शैली और सुसंस्कृत हास्य ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया।

  • भल्ला जी पंजाबी सिनेमा में परिवारिक हास्य के प्रतीक बन गए।
  • उन्होंने पंजाब की बोली, संस्कृति और लोक जीवन को मंच और फिल्मों में जीवंत किया।
  • उनके संवाद और अभिनय दर्शकों को हँसाने के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर करते थे।

उनके निधन से हास्य जगत में जो खालीपन आया है, उसे भरना कठिन है। वे सिर्फ़ एक कलाकार नहीं, बल्कि हास्य परंपरा के जीवित स्तम्भ थे।

भल्ला जी का व्यक्तित्व सरल, सहज और विनम्र था। वे कहते थे –
हँसी सबसे बड़ी दवा है, और समाज को स्वस्थ बनाने के लिए हास्य आवश्यक है।
उनके इसी दृष्टिकोण ने उन्हें जनता का सच्चा कलाकार बना दिया।

उनके निधन से पंजाब का हास्य मंच जैसे मौन हो गया। उनका जाना सिर्फ़ एक कलाकार का जाना नहीं, बल्कि एक परम्परा का मौन हो जाना है।

  • वे एक युग थे, और उनके साथ पंजाब के हास्य का एक सुनहरा अध्याय समाप्त हो गया।
  • उनका स्थान लेना आसान नहीं होगा, क्योंकि उनकी मौलिकता और अपनापन बेमिसाल था।
  • उनकी स्मृतियाँ और संवाद हमेशा पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।

भल्ला जी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि हास्य केवल हँसाने का साधन नहीं, बल्कि समाज को आईना दिखाने और जीवन को हल्का बनाने का सबसे सुंदर तरीका है। उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनका कार्य और उनकी शैली उन्हें सदा जीवित रखेगी।

 👉 संक्षेप में कहा जाए तो जसविंदर भल्ला का जीवन और कला पंजाबी संस्कृति और हास्य की धरोहर है। उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है, पर उनकी हँसी और संवाद हमेशा जीवित रहेंगे।

 

8 comments:

Anonymous said...

ऐसी शख्सियत सदियों में पैदा होती है ...एक कोहिनूर हीरा खो दिया..RIP

Amit Behal said...

नई पंजाबी फिल्मों का 'मेहर मित्तल' आज हमारे बीच नहीं रहा...भावभीनी श्रद्धांजलि💐🙏

Anonymous said...

ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति

सुधीरकपुर said...

Om shanti om

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Thanks a lot.

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Thanks a lot.

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Thanks a lot.

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Thanks a lot.