मानव जीवन की सबसे सुंदर भावनाओं में से एक है — विश्वास। यह वह अदृश्य डोर है जो रिश्तों को, समाज को,
और पूरे जीवन
को एक मजबूत आधार देती है। कहा भी गया है कि अगर दो लोग एक-दूसरे पर विश्वास करें
तो वे पहाड़ भी हिला सकते हैं। लेकिन जैसे ही इस विश्वास में दरार आती है, वहां शक प्रवेश कर जाता है — और वहीं से दुखों का एक पहाड़ खड़ा हो
जाता है।
विश्वास का गुण यह है कि वह बिना किसी प्रमाण के
भी संबल देता है। एक माता-पिता का अपने बच्चे पर विश्वास, एक शिक्षक का अपने छात्र पर
विश्वास, एक मित्र का दूसरे पर विश्वास — ये सभी संबंधों को मजबूत बनाते हैं और मुश्किल
समय में भी साथ निभाने की शक्ति देते हैं। लेकिन जब यही विश्वास, परिस्थितियों
या विचारों के कारण डगमगाता है, तो शक जन्म लेता है।
शक, एक ऐसा कीड़ा है जो धीमे-धीमे रिश्तों को भीतर
से खा जाता है। जहां विश्वास रिश्तों को जोड़ता है, वहीं शक उन्हें तोड़ देता
है। शक केवल दूसरे व्यक्ति के प्रति नहीं होता, यह आत्म-विश्वास को भी
कमजोर कर देता है। इंसान स्वयं पर भी भरोसा नहीं कर पाता और हर निर्णय में असमंजस
का शिकार होता है।
आज के सामाजिक परिप्रेक्ष्य में यह और भी आवश्यक
हो गया है कि हम विश्वास की भावना को बढ़ावा दें। रिश्तों में पारदर्शिता, संवाद, और समझदारी से
विश्वास को बनाए रखना संभव है। और यदि कभी कोई गलतफहमी हो भी जाए, तो संवाद के
द्वारा उसे सुलझाना चाहिए, शक के द्वारा नहीं।
विश्वास मिट्टी में भी फूल उगा सकता है, जबकि शक पत्थर
को भी चूर कर सकता है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम अपने जीवन में कौन-सी शक्ति
को प्राथमिकता देते हैं — विश्वास की संजीवनी या शक की जड़ता।
🌿 “विश्वास रखो,
शक से बचो – यही सुखी जीवन का मूल मंत्र है।”
7 comments:
हमारे जीवन में विश्वास और शक भावनाए दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है . विश्वास को मज़बूत करना चाहिए और शक को कमजोर करना चाहिए अच्छा जीवन जीने के लिए ।
Suspicions have destroyed many a homes.................
बिल्कुल सही कहा है आपने। शुक्रिया जी। बस यूं ही कमेन्ट करके मेरा उत्साहवर्धन करते रहे ।
Oh God
बेवजह शक रिश्तों के ह्रास का कारण बनता है
सही बात
आपका किसी भी टॉपिक पर लिखना बहुत बेहतर होता है ।स्वागत है आपका । लिखते रहिये और समाज जागरूक होता रहेगा ।
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