प्रेरक लेख
"आनंद मरते नहीं, इसलिए जीवन के
हर पल का आनंद लीजिए"
लेखक : आचार्य रमेश सचदेवा
जीवन एक बहती हुई नदी की तरह है—कभी शांत,
कभी तूफानी,
लेकिन हमेशा
आगे बढ़ती हुई। इस यात्रा में दुख–सुख, हार–जीत, आशा–निराशा सब कुछ आता है,
पर एक चीज जो
हमेशा जीवित रहती है, वह है "आनंद"। आनंद किसी वस्तु या परिस्थिति का मोहताज नहीं होता, वह हमारे भीतर जन्म लेता है,
हमारी सोच और
दृष्टिकोण से जुड़ा होता है।
✨ आनंद मरते नहीं:
आनंद वह ऊर्जा है जो न कभी जन्म लेती है और न ही
कभी समाप्त होती है। जब एक बच्चा खिलखिलाकर हँसता है, तो वह आनंद का जीवंत रूप
होता है। जब कोई वृद्ध व्यक्ति पुरानी यादों में मुस्कराता है, तो वह भी उसी
अमर आनंद का प्रतीक होता है। आनंद समय के पार है – वह किसी उम्र, किसी अवस्था,
या किसी
परिस्थिति से बंधा नहीं है।
🌻 क्यों लें हर पल का आनंद?
जीवन में कई बार हम भविष्य की चिंता में वर्तमान
को खो बैठते हैं। "जब सब ठीक होगा तब खुश होंगे" – यह सोच हमें उस आनंद
से दूर कर देती है, जो हमारे पास अभी है। जबकि सच्चाई यह है कि हर पल, हर सांस, हर क्षण आनंद से भरा हो
सकता है – यदि हम चाहें तो।
🌈 आनंद के स्रोत बाहरी नहीं,
अंदरूनी हैं:
- सुबह सूरज
की किरणों को चेहरे पर महसूस करना,
- किसी पंछी
की चहचहाहट सुनना,
- अपनों के
साथ बैठकर चाय पीना,
- बिना कारण
किसी को मुस्कुराहट देना –
ये सब छोटे-छोटे क्षण हमें गहरे आनंद से भर सकते हैं। ज़रूरत है बस उन्हें पहचानने और महसूस करने की।
🔥 जीवन सीमित है, पर आनंद असीम:
हम सब जानते हैं कि जीवन की डोर कब टूट जाए,
यह कोई नहीं
जानता। ऐसे में क्यों न हम हर दिन को ऐसे जिएँ जैसे वह अंतिम हो? क्यों न हर
छोटे पल को जी भरकर जिएँ?
🌟उपरोक्त के आधार आप और हम
कह सकते हैं कि आनंद कोई मंज़िल नहीं, वह तो यात्रा का साथी है।
उसे खोजने की आवश्यकता नहीं, केवल स्वीकार करने की आवश्यकता है।
जीवन को बोझ
नहीं, उत्सव समझें।
हर क्षण को
प्रेम, कृतज्ञता और आनंद से भर दें,
क्योंकि "आनंद मरते नहीं, इसलिए जीवन के हर पल का
आनंद लीजिए।"
4 comments:
स्वीकार में ही आनंद है।
Yes Please
Anand hme khushi or Santushti pardaan krati h
बहुत खूब बाबू मोशाय...Live Life,King Size,💐👌
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