Tuesday, November 11, 2025

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस – आज के संदर्भ में एक पुनः विचार


 राष्ट्रीय शिक्षा दिवस – आज के संदर्भ में एक पुनः विचार

✍️ आचार्य रमेश सचदेवा शिक्षाविद एवं विचारक

📅 11 नवम्बर – शिक्षा को समर्पित एक दृष्टि का स्मरण

हर वर्ष 11 नवम्बर को हम राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) के रूप में मनाते हैं, जो भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती को समर्पित है। यह दिन केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि शिक्षा के आदर्श, उद्देश्य और दिशा पर पुनः विचार करने का दिन है।

🧠 "शिक्षा केवल किताबों की जमा नहीं, जीवन की समझ है"

मौलाना आज़ाद ने कहा था —

हर व्यक्ति को ऐसी शिक्षा का अधिकार है जो उसे अपने जीवन को पूर्णता से जीने में समर्थ बनाए।

आज जब हम डिजिटल शिक्षा, स्मार्ट क्लास, ऑनलाइन पाठशालाओं और परीक्षा परिणामों की दौड़ में व्यस्त हैं, तब यह सवाल जरूरी है —
क्या हमारी शिक्षा वास्तव में किसी छात्र को एक बेहतर मनुष्य बना रही है?
क्या वह सोचने, समझने, और निर्णय लेने में सक्षम हो रहा है — या केवल अंक अर्जित कर रहा है?

🏫 आज की शिक्षा – चुनौतियाँ और विसंगतियाँ

  1. शिक्षा में व्यवसायिकता बढ़ रही है, पर उद्देश्य गहराई में खो रहा है।
  2. अंक सबसे ऊपर हैं, नैतिकता सबसे नीचे।
  3. शिक्षा प्रणाली रट्टा-यंत्र बना रही है, विचारशील नागरिक नहीं।
  4. शहर और गाँव की शिक्षा में गहरी खाई है।

🌿 मौलाना आज़ाद की दृष्टि – आज भी प्रासंगिक क्यों है?

  • उन्होंने शिक्षा को सामाजिक समानता और राष्ट्र निर्माण का उपकरण माना था।
  • उनके लिए शिक्षा का मतलब था — आत्मनिर्भरता, विवेक, सहिष्णुता और वैज्ञानिक सोच।
  • वे चाहते थे कि हर बच्चा बिना भेदभाव के शिक्षित हो, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से क्यों न हो।

आज जब शिक्षा प्रवेश शुल्क, कोचिंग सिस्टम और डिग्री केन्द्रित बन गई है, तब हमें मौलाना आज़ाद की इस सोच को फिर से अपनाने की आवश्यकता है —

शिक्षा मनुष्य को सिर्फ़ रोज़गार नहीं, जिम्मेदारी भी देती है।

🛤️ आज की पीढ़ी को क्या संदेश दें इस दिवस पर?

  • शिक्षा को प्रतिस्पर्धा नहीं, सेवा का माध्यम बनाएं।
  • विद्यार्थियों को रटने से ज़्यादा सोचने की दिशा दें।
  • शिक्षक केवल विषय नहीं, जीवन के आदर्श भी दें।
  • नीति-निर्माताओं को गुणवत्ता, पहुंच और मूल्यनिष्ठता पर काम करना होगा।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस एक अवसर है — दिखावे से हटकर दिशा की ओर लौटने का।
हमें याद रखना होगा कि शिक्षा वह दीप है जो केवल दूसरों को नहीं, स्वयं को भी रोशन करता है।

शिक्षा का अधिकार हर व्यक्ति का है — और शिक्षा का उद्देश्य हर व्यक्ति को संपूर्ण बनाना है।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

 

2 comments:

Amit Behal said...

Absolutely right bro. Education is that weapon by which you can change the world...💐🙏

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Thanks a lot