Wednesday, April 2, 2025

यही तो होता है (एक भावपूर्ण कविता)


यही तो होता है

(एक भावपूर्ण कविता)
 जिसे अपना जान सहेजा,
वो सबसे पहले खोता है।
जिसपे रखे उम्मीदों को,
वो ही सबसे कम होता है।
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साथ निभाने की कसमें भी,
वक़्त बदलते धोता है।
आंखों में झीलें पलती हैं,
दिल भीतर सूखा होता है।
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जिस दिन कोई पास नहीं हो,
मन सबसे ज़्यादा रोता है।
बातें सबकी मीठी लगतीं,
पर अर्थ कहीं और होता है।
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कितने चेहरे मासूम लगे,
पर सच में छल होता है।
खुशियों की उम्मीद लगाए,
हर दिल थोड़ा खोता है।
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फूलों में भी कांटे मिलते,
यह नियम सदा का होता है।
जो चमके, सब सोना नहीं,
धोखा अक्सर सोता है।
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फिर भी जीवन चलता जाता,
जैसा जैसा होता है।
सबक यही हर मोड़ सिखाता—
यहां कौन किसी का होता है।




6 comments:

Amit Behal said...

दिल को छू लेने वाली कविता🎉🙏

Anonymous said...

Awesome

Anonymous said...

सटीक विचार, इसी को संसार कहा जाता है.

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Thanks

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Thanks

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

आभार