Monday, April 7, 2025

8 अप्रैल, 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त – नाद जिसने ब्रिटिश साम्राज्य को कंपा दिया

 


8 अप्रैल, 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त – नाद जिसने ब्रिटिश साम्राज्य को कंपा दिया


1929 का भारत अंग्रेजी शासन के अत्याचारों से कराह रहा था। आज़ादी की मांग करने वालों पर दमन चक्र चला दिया जाता था। अंग्रेज सरकार 'संसद में पब्लिक सेफ्टी बिल' और 'ट्रेड डिस्प्यूट्स बिल' पास कराना चाहती थी, जो भारतीयों के मौलिक अधिकारों को कुचलने के लिए बनाए जा रहे थे।

भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने इन काले कानूनों के विरुद्ध एक अनोखे ढंग से विरोध करने की योजना बनाई। 8 अप्रैल, 1929 को, दोनों क्रांतिकारी दिल्ली के सेंट्रल एसेंबली हॉल पहुंचे। जैसे ही बिल पास किया जाने लगा, दोनों ने सभा भवन के भीतर बम फेंके।

ये बम जानलेवा नहीं थे; उनका उद्देश्य केवल अंग्रेजी सरकार को चेतावनी देना और भारतीय जनता को जगाना था। बम फेंकने के बाद भी भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त भागे नहीं, बल्कि 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'साम्राज्यवाद का नाश हो' के नारे लगाते हुए स्वयं गिरफ्तारी दी।

उनकी इस क्रांति ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत अब चुप रहने वाला नहीं है। युवा शक्ति जाग चुकी थी। भगत सिंह और उनके साथियों ने यह सिद्ध कर दिया कि आज़ादी केवल याचिकाओं से नहीं, बल्कि त्याग और बलिदान से मिलती है।

"बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते, क्रांति की तलवार विचारों की शान से तेज होती है।" – भगत सिंह



9 comments:

Dr K S Bhardwaj said...

राम राम भाई जी, आप अच्छे लेख लिख रहे हैं. भावी पीढ़ी के लिए अति उत्तम.

Dr K S Bhardwaj said...

इस लेख ने शहीदों की याद दिला दी.

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...
This comment has been removed by the author.
Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

भाई साहब आपका तहदिल से आभार। लेखन कार्य का श्रेय आपको ही जाता है। आपकी पुस्तकें पढ़ कर ही प्रेरणा मिली है । आशीर्वाद बनाए रखना जी।

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

धन्यवाद

Sudesh Kumar Arya said...

इन्हीं वीरों के सर्वस्व बलिदान और कुर्बानी की बदौलत हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। देश ऐसे वीरों को नमन करता है।
🙏🚩🕉️शत शत नमन 🕉️🚩🙏

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

नि:सन्देह । धन्यवाद जी

Anonymous said...

Theek h ji

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

धन्यवाद। नाम भी लिखे तो अच्छा लगेगा