Sunday, October 5, 2025

विश्व शिक्षक दिवस – भविष्य के निर्माता को सलाम

 




विश्व शिक्षक दिवस – भविष्य के निर्माता को सलाम

हर वर्ष 5 अक्तूबर को पूरी दुनिया में विश्व शिक्षक दिवस (World Teachers’ Day) मनाया जाता है। यह दिवस उन व्यक्तियों को समर्पित है जो समाज के हर वर्ग को शिक्षा, संस्कार और दिशा देते हैं — हमारे शिक्षक
यह दिवस 1994 में यूनेस्को (UNESCO) द्वारा प्रारम्भ किया गया था, ताकि 1966 में शिक्षक के दर्जे और अधिकारों से जुड़ी सिफारिशों (ILO/UNESCO Recommendation) को सम्मानपूर्वक याद किया जा सके।

शिक्षक – समाज के मौन निर्माता

एक शिक्षक केवल पढ़ाने वाला व्यक्ति नहीं होता, वह समाज का विचार निर्माता होता है। शिक्षक बच्चों के भीतर जिज्ञासा जगाता है, आत्मविश्वास भरता है और उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

लेकिन दुख की बात यह है कि दुनिया भर में शिक्षकों की स्थिति समान नहीं है।
कुछ देशों में शिक्षक को अत्यन्त सम्मान और सुरक्षा दी जाती है, जबकि कुछ जगहों पर उनका योगदान अनदेखा कर दिया जाता है।

विश्वभर में शिक्षकों की स्थिति

1. जहाँ शिक्षकों को सबसे अधिक सम्मान मिलता है

फिनलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर जैसे देशों में शिक्षक होना गौरव की बात है।

  • फिनलैंड में शिक्षण को डॉक्टर या इंजीनियर के समान प्रतिष्ठा प्राप्त है। केवल योग्यतम विद्यार्थी ही शिक्षक बन सकते हैं।
  • दक्षिण कोरिया में शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहा जाता है। उनकी तनख्वाह और सामाजिक स्थिति दोनों बहुत उच्च हैं।
  • जापान में सेन्सेई शब्द ही श्रद्धा का प्रतीक है। वहाँ बच्चे झुककर अपने शिक्षकों का अभिवादन करते हैं यह परंपरा आज भी जीवित है।

2. जहाँ शिक्षकों को नज़रअंदाज़ किया जाता है

दुर्भाग्य से, कई विकासशील देशों में शिक्षकों की स्थिति उतनी सम्मानजनक नहीं रही।

  • वेतन कम, संसाधन सीमित, और काम का बोझ अधिक होने से शिक्षकों का मनोबल गिरता जा रहा है।
  • निजी ट्यूशन और कोचिंग संस्कृति ने विद्यालयी शिक्षण की महत्ता कम कर दी है।
  • कई जगहों पर शिक्षक को एक ‘सेवा प्रदाता’ की तरह देखा जाने लगा है, जबकि वह वास्तव में एक ‘मार्गदर्शक’ है।

विद्यालयी शिक्षकों की वास्तविक स्थिति

विद्यालय स्तर के शिक्षक, विशेषकर प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के, अनेक कठिनाइयों का सामना करते हैं।

  • उन्हें पढ़ाने के साथ-साथ परीक्षा, अंक-सूची, रिकॉर्ड, परामर्श, सह-शैक्षिक गतिविधियाँ और प्रशासनिक कार्यों में भी भाग लेना पड़ता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बहुत-सी जगहों पर बुनियादी सुविधाएँ जैसे—ब्लैकबोर्ड, प्रयोगशाला या इंटरनेट तक उपलब्ध नहीं हैं।
  • फिर भी ये शिक्षक हर दिन मुस्कान के साथ कक्षा में प्रवेश करते हैं, बच्चों को प्रेरित करते हैं और अपने देश का भविष्य गढ़ते हैं।

शिक्षकों का सम्मान केवल शब्दों या समारोहों से नहीं, बल्कि व्यवहार और नीति दोनों से होना चाहिए।

  • सरकारों को चाहिए कि वे उन्हें उचित वेतन, प्रशिक्षण और सुविधाएँ प्रदान करें।
  • अभिभावक शिक्षकों के निर्णयों पर भरोसा रखें और सहयोग करें।
  • विद्यार्थी अपने शिक्षकों का आदर प्रतिदिन करें, केवल शिक्षक दिवस पर नहीं।

याद रखें —

कोई भी देश अपने शिक्षकों के स्तर से ऊँचा नहीं उठ सकता। 
यदि हम एक सशक्त और नैतिक समाज चाहते हैं, तो हमें शिक्षकों को उनका सम्मान, सुरक्षा और आत्मगौरव लौटाना होगा।

विश्व शिक्षक दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि यह वह दिन है जो हमें याद दिलाता है कि —

शिक्षा के बिना कोई सभ्यता टिक नहीं सकती, और शिक्षा शिक्षक के बिना संभव नहीं है।

आइए, हम सब मिलकर उन शिक्षकों को नमन करें जो बिना किसी स्वार्थ के आने वाली पीढ़ियों को उजाला बाँटते हैं। 
हर सफल व्यक्ति, हर महान विचार, और हर सशक्त राष्ट्र — किसी एक शिक्षक की प्रेरणा से शुरू हुआ है।

जय शिक्षक! जय शिक्षा!

 

1 comment:

Amit Behal said...

Salute to the Nation Builders ..💐