Sunday, June 29, 2025

छतरी – एक छोटी सी छांव, जीवन की बड़ी राहत

 

🌂 "छतरी – एक छोटी सी छांव, जीवन की बड़ी राहत" 🌂

छोटा सा आसमान लिए चलता है साथ,
धूप में छांव, बरसात में बनता है हाथ।
न रंग देखे, न जात-पात,
छतरी सबके लिए है बरकत की बात।

छतरी, जिसे छाता भी कहा जाता है, एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग बारिश या धूप से बचने के लिए किया जाता है। यह एक गोल, तहदार संरचना होती है जो आमतौर पर कपड़े या प्लास्टिक से बनी होती है और एक हैंडल से जुड़ी होती है। 

84 खंभों की छतरी

84 खंभों की छतरी, जिसे चौरासी खंभों की छतरी भी कहा जाता है, राजस्थान के बूंदी शहर में स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक है। यह छतरी 17वीं शताब्दी में राव राजा अनिरुद्ध सिंह द्वारा अपनी धाय (पालक) मां देवा की याद में बनवाई गई थी। 84 खंभों पर बनी यह दो मंजिला इमारत अपनी स्थापत्य कला और जटिल नक्काशी के लिए जानी जाती है। 

इतिहास की छांव में छतरी

छतरी का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। प्राचीन मिस्र, चीन और भारत में इसे शाही वस्तु माना जाता था। भारत में राजाओं के सिर पर छत्र लगाना प्रतिष्ठा का प्रतीक हुआ करता था। फिर यह शानो-शौकत से निकलकर आम जनता तक पहुंची — और आज यह हर गली, हर बाजार में देखने को मिलती है।


🎨 फैशन का रंग – छतरी बन गई स्टाइल का हिस्सा

आज की छतरी सिर्फ भीगने से बचाने का साधन नहीं, एक फैशन स्टेटमेंट भी बन चुकी है। रंग-बिरंगी, फूलदार, ट्रांसपेरेंट, छोटी-बड़ी, फोल्डिंग और ऑटोमैटिक — हर उम्र और पसंद के अनुसार छतरियों की वैरायटी बाज़ार में मौजूद है। स्कूल के बच्चों से लेकर कॉलेज की लड़कियों तक, अब छतरी भी उनकी पहचान बनती जा रही है।


🧓 बुज़ुर्गों की छड़ी भी, रक्षा भी

गर्मी के दिनों में, जब मई-जून की धूप चुभने लगती है, तो बुज़ुर्गों के लिए छतरी धूप से बचाव का साधन बनती है। बारिश में भी यह उन्हें गीलेपन से बचाती है। कई बार यह छड़ी का काम भी देती है — जिसे वे सहारे के रूप में इस्तेमाल करते हैं। छतरी उनके जीवन की एक उपयोगी साथी है।


🏠 गरीब का सहारा – कंधे पर छोटा घर

उन गरीब लोगों के लिए जो सड़क पर काम करते हैं, छतरी उनके लिए चलता-फिरता घर बन जाती है। चाहे चाय बेचने वाला हो या सब्जी वाला, या फिर कोई राजमिस्त्री — छतरी उन्हें धूप, बारिश और तपिश से बचाती है। यह उनकी रोज़ी-रोटी की रक्षा करती है।


📚 बच्चों की पढ़ाई और छतरी

बारिश के मौसम में बच्चों की किताबें और कॉपियां भीग न जाएं, इसके लिए मां-बाप सबसे पहले उन्हें छतरी दिलाते हैं। स्कूल यूनिफॉर्म में हाथ में रंगीन छतरी लिए बच्चे, जीवन के प्रति सुरक्षा और जिम्मेदारी की पहली सीख ले रहे होते हैं। छतरी बचपन से अनुशासन और सावधानी का पाठ पढ़ाती है।


U for Umbrella – अंग्रेज़ी का प्यारा अक्षर

अंग्रेज़ी वर्णमाला में 'U' के लिए सबसे पहली छवि होती है Umbrella की। बच्चों को यह शब्द सबसे पहले याद होता है — क्योंकि यह उनके जीवन में बहुत जल्दी शामिल हो जाता है। किताबों से लेकर चित्रों तक, और कहानियों से लेकर कविताओं तक, ‘अम्ब्रेला’ एक प्रिय पात्र बन चुका है।


🌧️ छतरी है जीवन का सरल साथी

छतरी केवल मौसम से बचाने का यंत्र नहीं, बल्कि यह भारतीय जनजीवन का हिस्सा बन चुकी है। यह हमारी संस्कृति, सुरक्षा, सहारा, फैशन और शिक्षा से जुड़ी हुई है। एक छोटी सी छतरी, कितनी बड़ी भूमिका निभाती है, यह हम तभी समझते हैं जब अचानक बारिश में हम इसके बिना भीग रहे होते हैं।

6 comments:

Anonymous said...

Very insightful thoughts. Thanks for sharing sir

Anonymous said...

Bdi Kaam ki cheej h chhatri . Baaki aapne Bahut achhe se explain kar dia h 👏👏👏

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Welcome, ji. Thanks

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

शुक्रिया जी

Amit Behal said...

आपकी कलम को सलाम बड़े भाई...मजा आ गया पढ़कर💐🙏

Roomana said...

आपकी यह पोस्ट छतरी के प्रतीकात्मक और व्यावहारिक महत्व को बड़ी खूबसूरती से उजागर करती है। सच में, छतरी सिर्फ बारिश या धूप से बचाव का साधन नहीं, बल्कि वह भारतीय जीवनशैली की एक चुपचाप सेवा करती हुई साथी है। चाहे स्कूल जाते बच्चे हों, गाँव की पगडंडी पर चलती महिलाएँ या किसी मेले में धूप से बचते बुज़ुर्ग — छतरी हर किसी की ज़रूरत बन जाती है। यह पोस्ट हमें याद दिलाती है कि जीवन की छोटी-छोटी चीज़ों का भी कितना बड़ा मोल होता है।