विश्व दुग्ध दिवस: दूध या धोखा?
✍️ Acharya Ramesh Sachdeva
1 जून को हर वर्ष विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है
— एक ऐसा दिन जो हमें दूध के पोषण, इसकी महत्ता और इससे जुड़े किसानों के योगदान की याद दिलाता
है। लेकिन क्या आज का दूध वाकई वह "पूर्ण आहार" है जिसकी हमारे पूर्वजों
ने कल्पना की थी?
🐄 दूध उत्पादन में भारत का
नेतृत्व
भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध
उत्पादक देश है।
FAO (Food and Agriculture Organization) के अनुसार,
👉
भारत 2023
में 22.1 करोड़ टन दूध का उत्पादन
करके विश्व के कुल दूध उत्पादन का 23% से भी अधिक
हिस्सा साझा करता है।
👉
प्रमुख उत्पादक
राज्य: उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात, और पंजाब।
📊 उपलब्धता बनाम खपत – आंकड़े
क्या कहते हैं?
- भारत की आबादी और औसत खपत के अनुसार देश में दैनिक 55 करोड़
लीटर से अधिक दूध की आवश्यकता है।
- लेकिन औपचारिक रूप से उत्पादन व
आपूर्ति की मात्रा आवश्यकता से कम है।
- यही असंतुलन मिलावटखोरों को मौका देता है नकली दूध, घटिया
पाउडर और रसायन मिलाकर 'दूध' बेचने का।
⚠️ नकली दूध: सेहत के नाम पर
जहर
आज यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर "कैसे बनाएं
मिलावटी दूध" जैसे वीडियो आम हो गए हैं।
दूध में मिलाए
जाते हैं:
- यूरिया, जो गुर्दे और यकृत के लिए हानिकारक है
- डिटर्जेंट, जिससे झाग
तो बनता है, पर ये शरीर के लिए विष है
- सिंथेटिक दूध पाउडर और रंग, जो कैंसरजन्य हो सकते हैं
🍬 गाढ़ा दूध, मलाई, घी और मिठाइयां
– क्या यह संभव है शुद्ध दूध से?
- 1 लीटर दूध से 35–45 ग्राम घी निकलता है, यानी 20 लीटर दूध
चाहिए 1 किलो घी के लिए
- फिर भी बाजारों में सस्ते दाम
पर भारी मात्रा में घी, मावे और मिठाइयां
उपलब्ध हैं!
- सवाल उठता है – क्या यह सब शुद्ध दूध
से संभव है?
👶 बच्चे, खिलाड़ी और
मरीज – क्या उन्हें मिल रहा है असली पोषण?
दूध को माना गया है:
- बच्चों की हड्डियों के विकास के लिए अनिवार्य
- खिलाड़ियों के लिए ऊर्जा का स्रोत
- मरीजों के लिए शक्ति पुनः प्राप्त करने का साधन
लेकिन आज स्वास्थ्य लाभ
के नाम पर हम कहीं खुद को ही धोखा तो नहीं दे रहे?
🔍 समाधान की दिशा में कदम
- स्थानीय डेयरियों व विश्वसनीय स्रोतों से दूध लें
- दूध उबालते समय उसकी गुणवत्ता जांचें (झाग, गंध,
रंग)
- बच्चों को खुले दूध या सड़क किनारे मिलावटी शीत पेय से
दूर रखें
- सरकार को चाहिए कि वह फूड
सेफ्टी टीमों को सक्रिय करे
- आम जनता को चाहिए कि वह सस्ते के
लालच में सेहत से समझौता न करे
🔚 दूध की शुद्धता – सिर्फ
भावना नहीं, स्वास्थ्य का आधार है
जब बात पोषण की हो, तो ‘जैसे-तैसे’ नहीं,
‘जाँच-परख कर’
ही लेना चाहिए।
दूध, ममता का प्रतीक
है – उसमें मिलावट केवल शरीर को नहीं, विश्वास को भी कमजोर करती है।
इस विश्व दुग्ध
दिवस, संकल्प लें:
✅
शुद्धता को
प्राथमिकता दें
✅
जानकारी को
साझा करें
✅
और बच्चों को
दें असली पोषण, नकली सपने नहीं।
🧪 दूध की शुद्धता जांचने की 8
आसान घरेलू विधियां (बिना लैब टेस्ट के) जो बिना किसी लैब टेस्ट के आपको यह जानने में मदद करेंगी कि
दूध शुद्ध है या मिलावटी:
✅ 1. उबालने पर झाग का बनना और
रंग
- शुद्ध दूध: उबालने पर
मलाई की परत बनेगी और हल्का पीला या क्रीम रंग दिखेगा।
- मिलावटी दूध: अत्यधिक
झाग बनेगा, उबालने पर नीचे जमाव नहीं होगा।
✅ 2. गाढ़ेपन की जांच (थंब
टेस्ट)
- दूध की एक बूंद अंगूठे और उंगली के बीच रखें और
फैलाएं:
- शुद्ध दूध: हल्का चिपचिपा होगा
- मिलावटी दूध (पानी
मिलाया): तुरन्त फैल जाएगा,
कोई पकड़ नहीं रहेगी
✅ 3. साबुन या डिटर्जेंट की जांच
- थोड़े दूध में थोड़ा पानी मिलाएं और जोर से हिलाएं:
- अगर झाग बहुत अधिक
बने और साबुन जैसी महक आए
— डिटर्जेंट मिला हो
सकता है।
✅ 4. यूरिया की पहचान (नीबू और
कागज विधि)
- दूध में थोड़ा नीबू रस मिलाएं और ब्लॉटिंग पेपर या
सफेद कागज डालें:
- अगर पेपर पीला या
भूरा हो जाए, तो यूरिया मिलाया गया हो सकता
है।
✅ 5. सिंथेटिक दूध की पहचान (गंध
परीक्षण)
- सिंथेटिक दूध में हल्की तेज रसायन
जैसी गंध होती है।
- शुद्ध दूध में हल्की मिठास और ठंडापन होता है।
✅ 6. गर्मी में फाड़ने की क्रिया
- सिंथेटिक दूध को गर्म करने पर यह अक्सर फटता नहीं है,
जबकि शुद्ध दूध
फट सकता है।
✅ 7. मावे की जांच (घी या मावा
से जुड़ी)
- यदि दूध से बना मावा उंगलियों से दबाने पर तेल नहीं
छोड़ता — तो यह नकली हो
सकता है।
✅ 8. एक साधारण खौलाने का टेस्ट
- दूध को किसी लोहे की
कड़ाही में खौलाएं, और थोड़ा सूखने दें:
- शुद्ध दूध में बचे
हुए पदार्थ (जैसे केसिन) सफेद रहेंगे।
- नकली दूध में यह काला या भूरा जलने
जैसा अवशेष छोड़ सकता है।
🔔 सावधानी और सुझाव
- दूध हमेशा किसी विश्वसनीय
डेयरी या ब्रांडेड स्रोत से लें।
- सस्ता या ज़्यादा गाढ़ा दूध देखकर लालच में न आएं।
- बच्चों और बुजुर्गों को मिलने वाला दूध खास ध्यान से जांचा जाना
चाहिए।
"शुद्ध दूध – शुद्ध सोच –
स्वस्थ जीवन"
इस विश्व दुग्ध
दिवस पर मिलावट के खिलाफ जागरूक बनें और दूसरों को भी करें सचेत।
1 comment:
Bhut ache
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