Saturday, June 21, 2025

साल का सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात – प्रकृति का एक दिव्य संकेत

 


📰 विशेष लेख

🌞 साल का सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात – प्रकृति का एक दिव्य संकेत

✍️ आचार्य रमेश सचदेवा
(सामाजिक चिंतक एवं भारतीय सांस्कृतिक व्याख्याकार)

जब धरती पर सूरज सबसे अधिक देर तक चमकता है और रात सबसे कम समय के लिए आती है, तब हम एक विशेष खगोलीय घटना के साक्षी बनते हैं — जिसे कहा जाता है ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice)। यह घटना हर वर्ष 21 या 22 जून को घटती है और इसे साल का सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात कहा जाता है।

📍 भारत में ग्रीष्म संक्रांति का महत्व

भारत, जो कर्क रेखा के करीब स्थित है, इस घटना का सीधा अनुभव करता है। इस दिन:

  • दिन की अवधि लगभग 13.5 से 14 घंटे तक होती है।
  • रातें केवल 10 घंटे या उससे भी कम की होती हैं।
  • सूरज सुबह जल्दी निकलता है और शाम देर से डूबता है।

यह केवल खगोलीय घटना नहीं — यह भारत की परंपरा, संस्कृति और कृषि जीवन से भी गहराई से जुड़ी हुई है।

🌿 कृषि, मौसम और भारतीय जीवनशैली पर प्रभाव

भारत में यह समय:

  • फसलों की बोवाई का प्रारंभ,
  • मानसून की प्रतीक्षा,
  • और सूर्य उपासना का महत्वपूर्ण चरण माना जाता है।

कई राज्यों में किसान इस समय को भूमि पूजन, बीज पूजन और वर्षा के स्वागत के रूप में मनाते हैं।

🧘‍♂️ 21 जून – योग और भारत

संयोग देखिए — इसी दिन को विश्व ने भी अब पहचान दी है।
संयुक्त राष्ट्र ने भारत के प्रस्ताव पर 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में स्वीकार किया।

भारत ने सदा से सूर्य को जीवन का स्रोत माना है। योग, प्राणायाम, और सूर्य नमस्कार जैसे अभ्यास इसी प्राकृतिक विज्ञान की देन हैं।

🔭 खगोलीय पक्ष: क्यों होता है यह दिन इतना लंबा?

  • पृथ्वी 23.5° झुकी हुई धुरी पर सूर्य के चारों ओर घूमती है।
  • जब सूर्य की किरणें कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पर सीधी पड़ती हैं, तब उत्तरी गोलार्ध (जहाँ भारत स्थित है) को अधिक प्रकाश और ऊर्जा मिलती है।
  • यही कारण है कि यह दिन सबसे लंबा होता है।

🕉️ ज्योतिष और धर्म में संकेत

भारतीय ज्योतिष के अनुसार यह काल उत्तरायण का चरम बिंदु होता है।
उत्तरायण = देवताओं का दिन,
दक्षिणायन = रात्रि या देवताओं की निद्रा।

इस दिन को सत्कर्म, योग, ध्यान, और सूर्योपासना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

🗣️ निष्कर्ष: यह केवल एक दिन नहीं, चेतना का अवसर है

सबसे बड़ा दिन केवल समय की गणना नहीं, यह प्रकृति द्वारा दिया गया एक अवसर है – प्रकाश की ओर बढ़ने का, ऊर्जा और संतुलन का, प्रकृति और आत्मा के पुनर्संवाद का।

आइए, इस दिन को केवल कैलेंडर पर चिन्हित करके न छोड़ें —
बल्कि इसे मानवता, स्वास्थ्य, ध्यान, और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता के उत्सव के रूप में मनाएं।

 

6 comments:

Amit Behal said...

Nature is ultimate...

Dr K S Bhardwaj said...

महत्वपूर्ण जानकारी. आचार्य जी, आपका आभार

Anonymous said...

Ultimate knowledge

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Yes please. Thanks

Anonymous said...

Bahut achhii jaankari di h.

Director, EDU-STEP FOUNDATION said...

Thanks a lot.