फादर्स डे पर विशेष लेख: "पिता होने का गर्व"
✍️ लेखक – आचार्य रमेश सचदेवा
पिता – यह शब्द मात्र नहीं, एक संपूर्ण जीवन दर्शन है।
पिता वह छाया है, जो धूप में जलती ज़िन्दगी को शीतलता देती है; वह वो छत है, जो आंधियों से भी अपने परिवार को बचाए रखती है। फादर्स डे केवल एक दिन नहीं, एक अवसर है उस निस्वार्थ प्रेम, संघर्ष, और समर्पण को स्मरण करने का, जो एक पिता अपने बच्चों के लिए करता है – न किसी अपेक्षा से, न किसी पुरस्कार की लालसा से।
👨👧👦 पिता – एक गुमनाम नायक
माँ के ममता भरे आँचल की तरह पिता का व्यक्तित्व भावनात्मक रूप से अधिक मुखर नहीं होता, परंतु उनका मौन त्याग हर दिन एक नई कहानी कहता है।
वो सुबह जल्दी उठकर काम पर जाते हैं,
शायद थकते हैं, पर कभी जताते नहीं।
उनके हाथों की रेखाओं में बच्चों का भविष्य छुपा होता है।
💪 पिता होने का गर्व
पिता होना केवल संतान उत्पन्न करना नहीं, बल्कि उन्हें जीने का हुनर सिखाना है।
- जब बच्चा गिरता है, तो माँ उसे उठाती है, पर पिता उसे खड़े होने की ताकत देता है।
- पिता वह आईना है, जिसमें बच्चा अपने भविष्य की झलक देखता है।
- जब कोई राह नहीं दिखती, तो पिता एक लैंपपोस्ट की तरह खड़ा मिलता है – मार्गदर्शक और प्रेरणा बनकर।
🌱 बदलते युग में पितृत्व की भूमिका
आज के बदलते समय में पिता सिर्फ कमाने वाले नहीं, बल्कि बच्चों के मित्र, शिक्षक और जीवन संरक्षक भी हैं। वे बच्चों की भावनाओं को समझते हैं, उनकी भावी योजनाओं में सहभागी बनते हैं, और उनकी असफलताओं में चुपचाप संबल देते हैं।
🎉 फादर्स डे – एक भावनात्मक अवसर
इस दिन को केवल एक उपहार या संदेश से नहीं, बल्कि एक स्पर्श, एक धन्यवाद, एक गले लगने से भी सार्थक बनाया जा सकता है।
- अपने पिता के साथ समय बिताइए।
- उनकी कहानियाँ सुनिए, उनके अनुभवों से सीखिए।
- उन्हें बताइए कि आप उन्हें कितना मानते हैं।
अत: पिता होना केवल एक जैविक प्रक्रिया नहीं, एक नैतिक जिम्मेदारी और जीवन भर की साधना है। फादर्स डे पर हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने पिता को वह सम्मान दें, जिसके वे वास्तविक हक़दार हैं। क्योंकि...
"माँ जीवन देती है,
पर पिता जीना सिखाता है।।"
6 comments:
एक पिता के व्यक्तित्व का शानदार चित्रण l
So good.Thanks.
.So Good 👍
Thanks
Thanks
Bahut achha varnan Kia h .
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