🌍 विश्व प्राथमिक उपचार दिवस : शिक्षा का अनिवार्य हिस्सा
✍️ लेखक – आचार्य रमेश सचदेवा
प्रत्येक वर्ष सितंबर के दूसरे शनिवार को विश्व प्राथमिक उपचार दिवस (World First Aid Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को यह जागरूक करना है कि अचानक आने वाली आपदाओं, दुर्घटनाओं, चोटों या बीमारियों के समय यदि तुरंत और सही प्राथमिक उपचार दिया जाए तो अनगिनत जीवन बचाए जा सकते हैं।
प्राथमिक उपचार का महत्व
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जीवन रक्षक उपाय – किसी सड़क दुर्घटना, जलने, डूबने, या हृदयाघात जैसी स्थिति में एम्बुलेंस आने तक का समय बहुमूल्य होता है। यदि आसपास के लोग प्राथमिक उपचार जानते हों तो वे जीवन बचा सकते हैं।
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दुर्घटना के दुष्प्रभाव कम करना – चोट या खून बहने पर त्वरित पट्टी बांधने से संक्रमण और रक्तस्राव को रोका जा सकता है।
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आत्मनिर्भरता का विकास – प्राथमिक उपचार सीखने से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति संकट के समय घबराता नहीं है।
शिक्षा में इसकी आवश्यकता
आज शिक्षा केवल पुस्तकों और परीक्षाओं तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। विद्यालयों और महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को प्राथमिक उपचार की अनिवार्य शिक्षा दी जानी चाहिए। यह जीवन कौशल (Life Skill) है, जो हर उम्र और हर क्षेत्र में उपयोगी सिद्ध होता है।
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विद्यालय स्तर पर बच्चों को पट्टी बांधना, कृत्रिम श्वसन (CPR), जलने या बेहोशी में प्राथमिक उपाय सिखाना चाहिए।
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शिक्षक व अभिभावक भी इस प्रशिक्षण को सीखें ताकि वे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर सकें।
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पाठ्यक्रम में समावेश – जैसे खेल, नैतिक शिक्षा और योग शामिल हैं, उसी तरह प्राथमिक उपचार की शिक्षा भी अनिवार्य होनी चाहिए।
समाज के लिए संदेश
विश्व प्राथमिक उपचार दिवस हमें यह सिखाता है कि “सिर्फ डॉक्टर ही जीवन नहीं बचाते, जागरूक नागरिक भी जीवनदाता बन सकते हैं।” यदि हर नागरिक प्राथमिक उपचार के मूलभूत नियम सीख ले तो देश में स्वास्थ्य सुरक्षा का स्तर और ऊँचा हो जाएगा।
प्राथमिक उपचार की शिक्षा विद्यालयों से शुरू हो और जीवनभर साथ रहे। यह सिर्फ स्वास्थ्य नहीं, बल्कि मानवता का कर्तव्य है।

1 comment:
प्राथमिक उपचार काम की चीज है। एनसीसी और स्काउट्स में सिखाई जाती थी। अब उन योजनाओं का क्या हाल है, ज्ञात नहीं...............
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