सड़क दुर्घटनाओं में निरंतर वृद्धि: सड़कों के रख-रखाव में गहरी अनदेखी के कारण
आचार्य रमेश सचदेवा
हमारे देश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या
एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। हर दिन दर्जनों लोग सड़क हादसों में अपनी जान
गंवा देते हैं, और यह आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। यह केवल एक संयोग नहीं है,
बल्कि सड़क
सुरक्षा और निर्माण के प्रति हमारी लापरवाही का परिणाम है। हम सभी यह मानने लगे
हैं कि सड़क पर दुर्घटनाएं केवल चालकों की गलती होती हैं, लेकिन हम यह भूल जाते हैं
कि सड़कों का रख-रखाव, सही निर्माण और जरूरी संकेतक भी इन घटनाओं में अहम भूमिका
निभाते हैं। रोड़ टैक्स, टोल टैक्स, और अन्य शुल्क चुकाने के बावजूद अगर सड़कें सुरक्षित नहीं
हैं, तो यह सरकार की न केवल नाकामी है, बल्कि हमारी सुरक्षा के प्रति उसकी जिम्मेदारी
की भी घोर अनदेखी है।
सड़कों की खस्ताहाली और
समस्याएं
आजकल सड़कें कई स्थानों पर पूरी तरह से जर्जर हो
चुकी हैं। गहरे गड्ढे, टूटी-फूटी सड़कों और बिना मरम्मत की वजह से गाड़ी चलाना एक
जोखिम बन चुका है। इन गड्ढों के कारण वाहन असंतुलित हो सकते हैं और बड़े हादसे हो
सकते हैं। क्या यह उन करोड़ों रुपये के टैक्स का सही इस्तेमाल नहीं है जो हम हर
साल सरकार को देते हैं? इसके बावजूद सड़कों का रख-रखाव क्यों नहीं किया जाता?
कई जगहों पर
तीव्र मोड़ बिना किसी चेतावनी के होते हैं, जिनसे दुर्घटनाओं का खतरा
बढ़ जाता है। क्या हमारे सड़कों पर कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं है जो इन खतरों को
रोकने के लिए कदम उठाए?
रेफलेक्टर और सिग्नल की
अनुपस्थिति: खतरे की घंटी
वह स्थान जहां रात के समय या धुंधले मौसम में
गाड़ी चलानी होती है, वहां रेफलेक्टर और उचित सड़क संकेतों की कमी होती है। क्या
यह नहीं पता कि रेफलेक्टर की कमी रात में दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बनती है?
यही कारण है कि
गाड़ियों को रास्ता नहीं मिलता और वे दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। सरकार को
यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर सड़क के किनारे रेफलेक्टर और पर्याप्त संकेतक हों।
रात को सड़क पर सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए जाते?
समाधान: समय रहते ठोस कदम
उठाने की आवश्यकता
इन समस्याओं को सुलझाने के लिए अब हमें जरा भी
देरी नहीं करनी चाहिए। सरकार को चाहिए कि जितनी जल्दी हो सके, सड़कों का
रख-रखाव शुरू करे। गड्ढों को ठीक किया जाए, सड़क पर उचित संकेतक लगाए
जाएं और मोड़ों पर चेतावनी बोर्ड्स का निर्माण किया जाए। क्या हम इसे अब तक
नज़रअंदाज करने की अनुमति देंगे? यह समय की मांग है कि हम सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर पूरी
गंभीरता से काम करें।
सिर्फ सरकार ही नहीं, नागरिकों को भी इस दिशा में
अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। वाहन चलाते समय हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम
सही दिशा में गाड़ी चला रहे हैं, निर्धारित गति सीमा का पालन कर रहे हैं और नशे की हालत में
गाड़ी नहीं चला रहे। यह केवल ड्राइवरों का कर्तव्य नहीं, बल्कि सड़क पर हर व्यक्ति
की जिम्मेदारी है।
निष्कर्ष
सड़क सुरक्षा कोई मामूली बात नहीं है। यह हमारी
जिंदगी से जुड़ा हुआ मुद्दा है। केवल नियमों का पालन करने से काम नहीं चलेगा। हमें
सड़कों के रख-रखाव और सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने होंगे। रोड़ और टोल टैक्स
वसूलने के बावजूद अगर हमारी सड़कों पर जानलेवा गड्ढे हैं और बिना संकेत के मोड़
हैं, तो यह सीधे-सीधे हमारी सरकार की नाकामी है। सड़क पर हर दुर्घटना हमें यह याद
दिलाती है कि हम अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं। हमें यह समझना होगा कि
सड़कें सिर्फ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि जीवन की रक्षा का माध्यम हैं। हमें अपनी सड़क सुरक्षा
को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि हम सुरक्षित यात्रा कर सकें और हर सड़क हादसे को टाल
सकें।
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